DAINIKMAIL BIG BREAKING रिश्वत देकर जिस महिला अफसर को फंसाया उसी केस में बचाने के लिए आरोपी के भाई से रिश्वत ले रहा था, खुद भी रंगे हाथ काबू
रिश्वत देने वाले ने जिसे रिश्वत देकर गिरफ्तार करवाया था उसी मामले में वो रिश्वत लेने वाले अफसर को बचाने के लिए रिश्वत मांग रहा था। इस अनोखे मामले में अब रिश्वतखोरी का केस दर्ज करवाने वाला उसी अफसर के भाई से रिश्वत लेने के आरोप में पकड़ा गया है जिसकी बहन को उसने रिश्वत केस में फंसाया था। SSP विजिलेंस रविंद्र पाल संधू ने इस गिरफ्तारी की पुष्टि की है।
राज्य से भ्रष्टाचार को ख़त्म करने के लिए शुरु की गई मुहिम के दौरान विजीलैंस ब्यूरो, पंजाब द्वारा आज एक प्राइवेट व्यक्ति को विजीलैंस मामले का निपटारा करने के लिए पुलिस अधिकारियों द्वारा 1,00,000 रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों काबू किया है। तलाशी के दौरान उसके पास से .32 बोर का एक रिवॉल्वर, 1 कार और 2 मोबाईल बरामद हुए।
इस सम्बन्धी जानकारी देते हुए विजीलैंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि उक्त प्राइवेट व्यक्ति सुखजिन्दर सिंह निवासी गाँव चक्क रोड़ीवाला (तम्बूवाला), तहसील जलालाबाद, जि़ला फाजिल्का को सन्दीप सिंह की शिकायत पर गिरफ़्तार किया गया है।
इस मामले संबंधी जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि दोषी सुखजिन्दर सिंह विजीलैंस ब्यूरो के थाना फिऱोज़पुर में एफ.आई.आर नम्बर 13, तिथि 04-08-2022 के तहत भ्रष्टाचार रोकथाम एक्ट की धारा 7 के अधीन दर्ज रिश्वतखोरी के मामले में शिकायतकर्ता था, जोकि स्वर्ण रानी, जूनियर इंजीनियर, मगनरेगा, फाजिल्का के विरुद्ध दर्ज किया गया था। इस मामले में विजीलैंस ब्यूरो द्वारा पहले स्वर्ण रानी को इसी प्राईवेट व्यक्ति से 25,000 रुपए रिश्वत लेते हुए काबू किया गया था।
उन्होंने आगे बताया कि शिकायतकर्ता सन्दीप सिंह ने विजीलैंस ब्यूरो के पास पहुँच कर दोष लगाया है कि उक्त केस के निपटारे के लिए दोषी सुखजिन्दर सिंह पुलिस अधिकारियों द्वारा उससे 15 लाख रुपए रिश्वत के तौर पर माँग रहा था परन्तु सौदा 11 लाख रुपए में तय हो गया। शिकायतकर्ता सन्दीप सिंह जूनियर इंजीनियर स्वर्ण रानी का भाई है।
प्रवक्ता ने आगे बताया कि तथ्यों और सबूतों की पड़ताल के उपरांत विजीलैंस ब्यूरो, आर्थिक अपराध शाखा (ई.ओ.डब्ल्यू.,) लुधियाना की विजीलैंस टीम ने दोषी सुखजिन्दर सिंह को दो सरकारी गवाहों की हाजिऱी में एक लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ़्तार किया है, क्योंकि बाकी रकम बाद में दी जानी थी।
उन्होंने बताया कि इस सम्बन्धी एफ.आई.आर. नम्बर 11, तिथि 30-09-2022 के अधीन भ्रष्टाचार रोकथाम एक्ट की धारा 7-ए के अंतर्गत विजीलैंस ब्यूरो, आर्थिक अपराध शाखा पुलिस स्टेशन, लुधियाना में मुकदमा दर्ज किया गया है और इस मामले की अगली जांच जारी है।
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