DAINIKMAIL SAD ALERT बुझ गया जालंधर को शब्दो में परोने वाला दीपक, नही रहे दीपक जलंधरी
जालंधर को किताबो के पन्नो में परोने वाले दीपक जलंधरी नहीं रहे। बड़ी उम्र में चेहरे पर तेज, ऊर्जा और चलती कलम इनकी पहचान थी। जालंधर शहर को एक शहर जालंधर के जरिए पन्नो पर उतारा। आज वो दीपक बुझ गया। उन्होंने जालंधर पर 109 पन्ने की किताब लिखी। इनमें जालंधर का पौराणिक इतिहास, मध्यकालीन इतिहास और शतवर्षीय इतिहास शामिल है। इनके साथ ही जालंधर के 12 गेट, 12 कोट, 12 बस्तियों, 12 बाग, 12 तालाब, 12 धार्मिक स्थलों के बारे में बताया है। इन दिनों जालंधर नगर के जो नए जीवन के अनुसार तरक्की के कदम बढ़ रहे हैं, इस पर भी नजर दौड़ाई। 5 फीचर फिल्में, 24 टीवी नाटक व 125 करोड़ भारतीयों में 125 जालंधरियों की पहचान कराने वाले दीपक जालंधरी हिदी साहित्य को समर्पित रहे।